चीनी सेना के हमले में भारतीय पुलिस के 10 जवान हुए थे शहीद; आज उनके सम्मान में पुलिस स्मृति दिवस, चंडीगढ़ DGP ने दी श्रद्धांजलि

Police Commemoration Day on October 21 Why Is It Observed
Police Commemoration Day 2024: आज देशभर में 'पुलिस स्मृति दिवस' मनाया जा रहा है। इस मौके पर चीनी सेना के हमले में शहीद हुए भारतीय पुलिस के 10 जवानों की शहादत को याद किया जा रहा है और उन्हें श्रद्धांजलि दी जा रही है। वहीं उन शहीदों के अलावा पुलिस के अन्य शहीद जवानों की कुर्बानी को भी इस मौके पर नमन किया जा रहा है। चंडीगढ़ में भी पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर सेक्टर-17 में चंडीगढ़ पुलिस द्वारा शहीदों की स्मृति में परेड का आयोजन किया गया।
इस परेड में चंडीगढ़ पुलिस की तीन और पंजाब पुलिस की एक टुकड़ी ने शहीदों के सम्मान में परेड की। जिसका नेतृत्व चंडीगढ़ पुलिस के डीएसपी धीरज कुमार कर रहे थे। वहीं इस मौके पर चंडीगढ़ पुलिस के डीजीपी सुरेंद्र सिंह यादव और अन्य अधिकारियों व पुलिस कर्मियों द्वारा शहीदों को याद कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इसके साथ ही सिर झुका कर शहीदो के लिए 2 मिनट का मौन भी रखा गया। इस मौके पर चंडीगढ़ पुलिस के आईजी आरके सिंह, एसएसपी ट्रैफिक एंड सिक्योरिटी, एसएसपी यूटी कंवरदीप कौर, एसपी हेडक्वार्टर केतन बंसल और अन्य अधिकारियों व पुलिस कर्मियों की मौजूदगी थी।
चीनी सेना के हमले में भारतीय पुलिस के 10 जवान हुए थे शहीद
21 अक्टूबर, 1959 को चीनी सेना के हमले में भारतीय पुलिस के 10 जवान शहीद हुए थे। जिसके बाद से उनके सम्मान में हर साल पुलिस स्मृति दिवस मनाया जाता है। इन पुलिस जवानों ने लद्दाख क्षेत्र में चीन के साथ लगती अपनी सीमाओं की सुरक्षा करते हुए जान गवां दी थी। डीजीपी सुरेंद्र सिंह यादव ने बताया कि आज से 65 बर्ष पूर्व जब 21 अक्टूबर 1959 के दिन भारतीय पुलिस की एक छोटी टुकड़ी अपने देश की सुरक्षा के लिए लद्दाख क्षेत्र में गस्त कर रही थी। इसी दौरान अचानक ऊंची पहाड़ी पर छिपी हुई चीनी फौज ने उन पर हमला कर दिया। जिसके परिणाम स्वरूप भारतीय पुलिस दल के 10 जवान शहीद हो गए थे।
डीजीपी ने कहा- चीनी सैनिकों द्वारा किए गए हमले में अपनी जान गंवाने वाले पुलिस जवानों को सम्मानित करने के लिए देश हर साल पुलिस स्मृति दिवस मनाता है। यह दिवस पुलिस कर्मियों द्वारा प्रदर्शित बहादुरी और समर्पण की याद दिलाता है और चीन के साथ हमारी सीमाओं की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति देने वाले दस पुलिसकर्मियों के बलिदान को याद करता है। यह दिन शहीदों के सम्मान में और उनके नमन को समर्पित है।
पिछले एक वर्ष के दौरान 214 पुलिस जवान शहीद हुए
डीजीपी सुरेंद्र सिंह यादव ने शहीदों को याद कर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए पूरे देश की रक्षा करते हुए शहीद होने वाले पुलिस जवानों की जानकारी भी दी है। डीजीपी ने बताया कि, गत एक वर्ष के दौरान 214 पुलिस अधिकारियों ने अपने कर्तव्यों को निभाते हुए अपने देश की एकता और अखंडता के लिए अपनी जिंदगी न्योछावर कर दी है। डीजीपी ने भारत के अलग अलग राज्यों से शहीद हुए जवानों की संख्या भी बताई। वहीं चंडीगढ़ पुलिस के शहीद जवानों को भी याद किया गया। जिनमें इंस्पेक्टर जगजीत सिंह, इंस्पेक्टर सुच्चा सिंह ,सब इंस्पेक्टर अमरजीत सिंह, एसआई लालू राम, एएसआई अमरजीत सिंह, एएसआई अमीन चंद्र को श्रद्धांजलि दी गई।
चंडीगढ़ पुलिस के शहीद पुलिस जवान
इंस्पेक्टर जगजीत सिंह गोली लगने से हुए थे शहीद
इंस्पेक्टर जगजीत सिंह ने 6 मई 1972 में बतौर चंडीगढ़ पुलिस में एएसआई ज्वाइन किया था। 17 जुलाई 1988 को थाना 39 के थाना प्रभारी नियुक्त होने के दौरान उन्हें सूचना मिली थी कि सेक्टर 45 के एक आवास पर आंतकवादी छुप कर बैठे हैं। इंस्पेक्टर जगजीत सिंह ने अपनी टीम के साथ आवास पर रेड की और इस बीच मुठभेड़ के दौरान तीन आतंकवादियों को ढेर कर दिया गया। लेकिन इसी दौरान गोली लगने से वह मौके पर शहीद हो गए थे।
इसी तरह एएसआई अमीन चंद 4 अगस्त 1981 में चंडीगढ़ पुलिस में बतौर कांस्टेबल भर्ती हुए थे। वहीं एएसआई लालू राम 29 जून 1976 को पंजाब पुलिस में कॉन्स्टेबल के पद पर ज्वाइन किया। 30 मई 1978 को वह चंडीगढ़ में डेपुटेशन पर आए। 29 अगस्त 1991 को लालू राम को एसएसपी चंडीगढ़ सुमेध सिंह सैनी के पीएसओ के तौर पर उन्हें नियुक्त किया गया।
उस समय सुमेर सिंह सैनी के साथ उनके ड्राइवर अमीन चंद ड्यूटी कर रहे थे। 29 अगस्त 1991 को आतंकवादियों द्वारा एसएसपी सुमेध सिंह सैनी की कार में बम फिट कर दिया गया था। सेक्टर 17 स्थित स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के हेड ऑफिस के सामने बम फटने से कार में सवार पीएसओ लालू राम और ड्राइवर आमीन चंद शहीद हो गए थे।
एसआई अमरजीत सिंह पर किया गया था हमला
वहीं सब इंस्पेक्टर अमरजीत सिंह ने पंजाब पुलिस में 28 मई 1972 को बतौर कांस्टेबल ज्वाइन किया था। जिसके बाद वह चंडीगढ़ पुलिस में डेपुटेशन पर आए। 25 फरवरी 1992 को अमरजीत सिंह अन्य पुलिसकर्मी कुछ आतंकवादियों का इलाज के लिए पीजीआई ले जा रहे थे। जिस दौरान कुछ अज्ञात आरोपियों ने पुलिस पार्टी पर हमला कर दिया था। जिस दौरान सब इस्पेक्टर अमरजीत सिंह बहादुरी से आतंकियों से लड़ते रहे। लेकिन आख़िर में वह शहीद हो गए।
एएसआई अमरजीत सिंह को आतंकियों ने मारी थी गोली
इसी तरह एएसआई अमरजीत सिंह ने 26 जुलाई 1976 में एएसआई बतौर चंडीगढ़ पुलिस में ज्वाइन किया था। 8 दिसंबर 1989 में सेक्टर 36 पुलिस पोस्ट में तैनात होने के दौरान वह गांव कजहेड़ी में गश्त कर रहे थे। इसी दौरान घात लगा कर बैठे मोटरसाइकिल पर सवार दो आतंकवादियों ने उनके ऊपर गोलियों से हमला कर दिया और वह शहीद हो गए थे।
इंस्पेक्टर सुच्चा सिंह पर किया गया था चाकू से हमला
वहीं इंस्पेक्टर सुच्चा सिंह 30 अप्रैल 1976 को चंडीगढ़ पुलिस में बतौर कांस्टेबल के पद पर ज्वाइन किया था। चंडीगढ़ पुलिस के ट्रैफिक विंग में तैनात होने के दौरान 8/ 9 जून 2013 को उनकी नाइट ड्यूटी लगी थी। वह उस वक्त सेक्टर 17 स्थित जिला अदालत के पास देर रात एक संदिग्ध जोड़े से पूछताछ करने लगे तो इसी दौरान आरोपी ने इंस्पेक्टर पर कई वार चाकू से वार कर दिया और वह शहीद हो गए थे।
रिपोर्ट- रंजीत शम्मी